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1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है 8th Central Pay Commission (आठवाँ वेतन आयोग) — कर्मचारियों की उम्मीदें

केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, और 28 अक्टूबर 2025 को मंत्रिमंडल ने इसके लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को भी मंजूरी दे दी।
इस आयोग को 18 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें पेश करनी हैं।
कई कर्मचारी संगठनों की मांग है कि नया वेतन तथा पेंशन सुधार 1 जनवरी 2026 से लागू हो — क्योंकि पूर्व का (7वाँ) वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है।


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अनुमानित वेतन-वृद्धि — कितनी?

आयोग की रिपोर्टों में संभावित “फिटमेंट फैक्टर” (fitment factor) 1.83 से 2.46 तक चर्चा में है।

इस आधार पर, वेतन-वृद्धि लगभग 30–34% के बीच मानी जा रही है।

इसके अलावा, जब नया वेतन लागू होगा, तो महंगाई भत्ता (DA), मकान भत्ता (HRA) व अन्य भत्ते भी नए बेसिक पे के आधार पर पुनर्गणना होंगे।

इससे अनुमान है कि जिन कर्मियों का वर्तमान मूल वेतन ₹30,420 है — जैसा कि आपके उदाहरण में — उनका नया मूल वेतन (fitment factor आधारित) ₹75,000–₹85,000 के आसपास हो सकता है। यह आंकड़ा आपकी गणना (≈ ₹82,985) के समान हो सकता है।



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पेंशन और अन्य सुविधाएँ — मांगें और अनिश्चितताएँ

कई कर्मचारी एवं पेंशनर्स संगठन इस अवसर पर NCJCM व अन्य संघों के माध्यम से मांग कर रहे हैं कि Old Pension Scheme (OPS) को पुनः लागू किया जाए।

वर्तमान ToR में पेंशन सुधार और DA का बेसिक में विलय (merging) जैसे कई मांगे शामिल नहीं की गयीं हैं — जिसके कारण कुछ विवाद और असंतोष भी है।

इसलिए, पेंशनधारकों के लिए वेतन वृद्धि या पेंशन सुधार सुनिश्चित नहीं है — यह 8वीं आयोग की अंतिम सिफारिशों पर निर्भर करेगा।



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राज्य एवं निजी शिक्षकों / कर्मचारियों का मामला — सावधानी आवश्यक

आपके द्वारा उल्लेखित “30420 के मूल वेतन वाले शिक्षकों” का उदाहरण है — लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि वे केंद्रीय कर्मचारी हैं या किसी राज्य या संस्थागत स्कूल में काम करते हैं।

8वाँ वेतन आयोग मूलतः केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बनाया गया है।

अगर शिक्षक किसी राज्य सरकार या निजी संस्था से जुड़े हैं, तो 8वीं वेतन आयोग की सिफारिशें सीधे उन पर लागू नहीं होंगी — राज्य सरकारों या संस्थाओं को अलग निर्णय लेना होगा।


इसलिए, केवल यह कहना कि “आपका मूल वेतन 30420 था, अब 82985 हो जाएगा” — अभी बहुत जल्दी है: वो उस fitment factor, पद स्तर (level), भत्तों की व्‍यवस्था, और क्यों लागू इस पर निर्भर करेगा।


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निष्कर्ष — उत्साह भी, सतर्कता भी

8वें वेतन आयोग के गठन और ToR की मंजूरी से कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए व्यापक उम्मीदें जगी हैं।
अगर “फिटमेंट फैक्टर” और अन्य प्रावधान सकारात्मक रहे — तो वेतन और पेंशन में वास्तविक वृद्धि हो सकती है, जिससे कई परिवारों की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी।
लेकिन — अभी तक अंतिम सिफारिशें नहीं आयी हैं, कई मांगें अधूरी हैं, और राज्य सरकारों के लिए भी निर्भर है कि वे किस हद तक 8वीं आयोग की सिफारिशें अपनाते हैं।
इसलिए, वास्तविक बदलाव देखना अभी बाकी है — और इस बीच, कर्मचारी वर्ग व पेंशनर्स की मांगों व प्रतिक्रियाओं पर भी नजर बनी रहेगी।


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