logo

"जयहरीखाल में संविधान दिवस पर हुआ विशेष कार्यक्रम, संविधान की महत्ता पर चर्चा"


जयहरीखाल संबाददाता कमल उनियाल

जयहरीखाल, 26 नवंबर 2025:
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आज भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए किया गया।

प्राचार्य ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को संविधान के इतिहास से अवगत कराते हुए बताया कि "26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से तैयार हुआ था और 26 जनवरी 1950 को इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया।" उन्होंने संविधान को देश की सर्वोच्च विधिक और नैतिक धरोहर बताते हुए विद्यार्थियों से उसके आदर्शों को जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. डॉ. एस. पी. मधवाल ने कहा कि "हमारा संविधान हमारा सम्मान है। प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान के प्रति निष्ठावान रहे और उसके मूल्यों — समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व — को आगे बढ़ाए।" उनके वक्तव्य ने उपस्थित छात्र-छात्राओं में संविधान के प्रति गहन जागरूकता और गर्व की भावना उत्पन्न की।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिप्रा एवं डॉ. उमेश ध्यानी ने दक्षतापूर्वक किया। दोनों संयोजकों ने संविधान दिवस की महत्ता, नागरिक कर्तव्यों तथा नए भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का समापन बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के सामूहिक गायन के साथ हुआ, जिसने पूरे परिसर में देशभक्ति की भावना का संचार कर दिया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय परिवार का विशेष योगदान रहा।

21
125 views