
गाजीपुर में प्रशासन ने मस्जिदों से अजान पर लगाई रोक
सैदपुर (गाजीपुर)। गाजीपुर जिला प्रशासन रमजान के दौरान मस्जिद से अजान की इजाजत नहीं दे रहा है। गाजीपुर जिला प्रशासन द्वारा अजान पर रोक लगाए जाने से वहां की जनता में रोष है।
गाजीपुर जिले के सैदपुर कस्बे के समाजवादी पार्टी से सभासद एवं सैदपुर रोजा कमेटी के सदस्य मोहसिन खान (लकी) से इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि, ‘प्रशासन द्वारा कस्बे की भी सारी मस्जिदों में अजान पर रोक लगा दी गई है और ताले लगवा दिए गए हैं।’
लकी खान ने बताया कि, ‘इस मामले की जानकारी गाजीपुर संसदीय क्षेत्र के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट अफजाल अंसारी को दे दी गई है और उन्होंने इस बात को लेकर गाजीपुर प्रशासन से बात की थी, लेकिन प्रशासन द्वारा उचित जवाब न मिलने से वह भी असंतुष्ट हैं।’
सांसद अफजाल अंसारी ने पत्र में कहा है कि, ‘गाजीपुर जिला प्रशासन ने बिना किसी लिखित आदेश और कारण के मस्जिदों से अजान लगाने पर रोक लगा दी है।’ उनका कहना है कि, ‘वह गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि हैं । उनसे संसदीय क्षेत्र के कई लोगों ने यह शिकायत की है कि स्थानीय प्रशासन रमजान के दौरान मस्जिद से अजान देने की अनुमति नहीं दे रहा है। यही नहीं, अजान देने पर रासुका के तहत मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी जा रही है। कई मस्जिदों के मौलवियों पर मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। स्थानीय जनता की शिकायत पर उन्होंने गाजीपुर जिला प्रशासन के लोग कोई भी ऐसा लिखित आदेश नहीं दिखा पा रहे हैं। पूछने पर प्रशासन के लोग सिर्फ यह बताते हैं कि उन्हें मौखिक रूप से ऐसा आदेश दिया गया है।’
सांसद का कहना है कि, ‘उन्होंने अपनी ओर से सभी प्रयास कर लिए लेकिन प्रशासन उनकी एक नहीं सुन रहा है। क्षेत्र के लोग लॉक डाउन में अपने घरों पर ही नमाज पढ़ रहे हैं। अजान सिर्फ इसलिए दी जाती है, ताकि लोगों को नमाज पढ़ने, सहरी और इफ्तार के समय बारे में सूचित किया जा सके।’
उनका कहना है कि, ‘अजान की अनुमति न देने से मुस्लिम समाज के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है।’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से प्रार्थना की है कि, ‘उनके पत्र को जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए उचित आदेश दिया जाए।’