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कृषक परिवार से निकला सीए

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत... कहते हैं लक्ष्य कितना भी बड़ा और कठिन क्यों न हो यदि आप मन से कभी हार नहीं मानते तो निश्चित ही सफलता हासिल होती है। ऐसा ही वाक्या हुआ है गांव गोठयां बड़ी में, गांव के किसान के बेटे अमित भाम्भू ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद किसान के बेटे ने सीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इस सफलता से गांव और रिश्तेदारों के ओर से बधाई दी जा रही है तो अमित ने सफलता का पूरा श्रेय अपने चाचा सुंदर सिंह भाम्भू को दिया है, जिला मुख्यालय से 80 व उपखण्ड से 23 किलोमीटर दूर गांव गोठयां बड़ी, हिसार से आना-जाना कर, गर्मी-सर्दी झेल कर आज अमित ने आखिर सीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।

गांव में बना पहला सीए- आज से पहले गांव से कोई अन्य चार्टेड अकाउंटेंट नही है, अब पढ़ाई कर रहे युवाओं में भी जोश और 
लग्न पैदा होगी।

पिता कृषक- चाचा व्यवसायी अमित का पिता महावीर सिंह और दादा रामसिंह पेशे से कृषक है और गांव में खेती करते है, अमित के चाचा सुंदर सिंह मध्यप्रदेश में व्यवसाय करते है और उनका सपना था कि अमित सीए बने स्कूल कोचिंग से खेत कार्य मे बंटवाता था। गांव के सामाजिक कार्यकर्ता विरेन्द्र व्यास ने बताया कि अमित शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहता आया है, स्कूल से आने के बाद खेत मे जाकर अपने पिता की भी मदद करवाता था।

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