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बाहरी राज्यों से लौटने वाले हिमाचल प्रदेशवासियों को को क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा: सीएम जयराम ठाकुर


शिमला। ‘बाहरी राज्यों से लौटने के इच्छुक हिमाचल प्रदेशवासियों को चिकित्सा जांच और संस्थागत क्वारंटाइन के उपरान्त ही अपने घर जाने दिया जाएगा।’ यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी  राज्य सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। प्रदेश सरकार द्वारा इन नोडल अधिकारियों को देश के अन्य भागों में फंसे लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से तालमेल बनाने के लिए नियुक्त किया गया है।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘राज्य सरकार देश के विभिन्न भागों में फंसे हिमाचलवासियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर रूप से चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि, ‘राज्य सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को घर भेजने से पहले उन्हें क्वारंटाइन अवधि में सरकार द्वाारा बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में रखने का निर्णय लिया है।’ उन्होंने कहा कि, ‘पंजाब, महाराष्ट्र और देश के अन्य रेड जोन इलाकों से आने वाले हिमाचल प्रदेश वासियों की कोविड-19 के लिए जांच की जाएगी।’

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नोडल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि, ‘उन्हें जिन राज्यों का कार्यभार सौंपा गया है, उनके नोडल अधिकारियों के साथ तालमेल बनाए रखें, ताकि फंसे हुए हिमाचल प्रदेशवासियों को वापस लाने का मुद्दा संबंधित प्रदेशों की सरकार के साथ शीघ्रताशीघ्र उठाया जा सके।’

 उन्होंने कहा कि, ‘दूसरे राज्यों से विद्यार्थियों को वापस लाने में प्राथमिकता दी जाएगी।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे राज्य के 52,763 लोगों ने कोविड ई-पास के लिए आवेदन किया है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में फंसे देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 63,044 लोग अपने प्रदेशों को वापस जाना चाहते हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि, ‘अब तक अन्य राज्यों के 30,219 लोग यहां से वापस जा चुके हैं।’ उन्होंने कहा कि, ‘दूसरे राज्यों में वापस जाने के इच्छुक लोगों को उनकी सुचारु वापसी के लिए सभी संभव सुविधाएं प्रदान की जाएं।’ सीएम ने कहा कि, ‘श्रमिकों को प्रदेश में ही रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, ताकि श्रमिकों के अभाव में विकास परियोजनाएं प्रभावित न हों।’

मुख्यमंत्री  जयराम ठाकुर ने कहा कि, ‘प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने गोवा में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए थिविम/मड़गांव/करमाली से ऊना तक विशेष रेलगाड़ी चलाने के लिए सहमति प्रदान की है। यह विशेष रेलगाड़ी 13 या 14 मई, 2020 को गोवा से चलेगी।’

 उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को वापस लाने के लिए 11 मई को बेंगलुरु से ऊना के लिए एक और स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। राज्य सरकार, केंद्र सरकार से महाराष्ट्र, गुजरात, वेस्ट बंगाल, बिहार इत्यादि राज्यों से भी ऐसी ही ट्रेनें शुरू करने का आग्रह करने पर विचार कर रही है, ताकि वहां फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को सुविधा मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उचित सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए ऊना स्थित रेलवे स्टेशन पर पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। वहां पर मास्क,  सैनिटाइजर योजना के  पैकेट का भी प्रबन्ध किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए वहां पर जिलावार अलग काउंटर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान में फंसे हिमाचल प्रदेश वासियों को वापस लाने के लिए भी पदेश सरकार आवश्यक व्यवस्था करेगी।’

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