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पीलीभीत। शहर के असम चौराहे पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज सहूलियत और सुविधा के बजाय असुविधा बनता जा रहा है। मलबा, निर्माण सामग्री और खराब सड़क से आवागमन में भी जोखिम बरकरार है। दो बार मियाद बढ़ने के बाद भी कार्य की धीमी रफ्तार से अव्यवस्थाएं हावी हैं। रविवार को ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवार मां-बेटी की मौत भी हो चुकी है।
वर्ष 2020 में शासन ने असम चौराहा पर 650 मीटर लंबे ओवरब्रिज निर्माण को मंजूरी देकर 98 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद वर्ष 2022 में आगरा की कार्यदायी संस्था गिरिराज जी ने ओवरब्रिज निर्माण के लिए कार्य शुरू कराया। लोगों को बेहतर आवागमन सुविधा और जाम से निजात की उम्मीद जगी। मगर लंबा समय बीतने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल सका है। कार्य को जून 2024 में पूरा होना था, लेकिन धीमी गति के चलते कार्य अब तक अधूरा है। समयावधि को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 किया गया था।
इसके बाद भी तय अवधि में कार्यदायी संस्था ओवरब्रिज का कार्य पूरा नहीं कर सकी। इसके बाद अब तीसरी बार समय अवधि बढ़ाकर जून 2025 की गई है। अब भी कार्य की रफ्तार धीमी है। बताया जा रहा है कि इसका अभी 30 प्रतिशत काम होना बाकी है। निर्माणाधीन क्षेत्र में अव्यवस्थाओं का अंबार है।

चौकी हटे दो माह बीता, कार्य फिर भी धीमा
ओवरब्रिज के निर्माण क्षेत्र में असम पुलिस चौकी का रोड़ा बताया गया। चौकी के चलते कार्य की रफ्तार धीमी होने की बात कही गई थी। दो माह पूर्व चौकी को वहां से हटा दिया गया, लेकिन इसके बाद भी कार्य की रफ्तार तेज नहीं हो सकी। चौराहा पर कार्य अधूरा है। सिर्फ गर्डर रखने के कार्य पर अमल किया गया। ऐसे में चौराहा पर हर समय हादसों का खतरा बना हुआ है।

सर्विस लेन पर गड्ढा, जगह-जगह पड़ा मलबा
ओवरब्रिज के दोनों ओर की सर्विस लेन की स्थिति भी बेहद खराब है। वाहनों के अधिक संचालन से मार्ग गड्ढों में बदल गया है। इसके अलावा निर्माणाधीन क्षेत्र में जगह-जगह मलबे के ढेर लगे हैं। इससे असम चौराहों से गुजरने वाले राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जरा सी चूक बड़े हादसे का सबब बन सकती है।



वर्जन
ओवरब्रिज का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है। असम चौराहा पर काम ने तेजी पकड़ी है। किसी प्रकार की लापरवाही न हो सके, इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं। तरुण बनर्जी, प्रोजेक्ट हेड कार्यदायी संस्था

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👉👉 *राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सपा नेता गुलशन यादव पर एक्शन, गैंगस्टर एक्ट में करोड़ों की संपत्ति कुर्क*
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👉👉 *उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट से बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सपा नेता गुलशन यादव पर एक्शन शुरू हो गया है.* 👉👉👉👉👉👇
👉👉 *पुलिस-प्रशासन ने गुलशन यादव की 7 करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है.*
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*पुलिस ने गुलशन के प्लॉट पर कुर्की नोटिस चस्पा कर दिया है.जब्ती करण की इस कार्रवाई में लग्जरी वाहन और आवासीय जमीन भी शामिल है.*
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👉👉 *आपको बता दें कि गैंगस्टर एक्ट के तहत गुलशन यादव को गैंगलीडर घोषित किया गया है. उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 की धारा 14(1) के अंतर्गत गुलशन के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.*
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👉 *प्रतापगढ़ पुलिस ने ना सिर्फ गुलशन के प्लॉट पर कुर्की का नोटिस चस्पा किया बल्कि ढो नगाड़ों के साथ मुनादी भी कराई. अपर पुलिस अधीक्षक संजय राय के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया. कुल जब्त की जाने वाली संपत्ति का मूल्य 7,00,15,502.33 रुपये आंका गया है.*

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👉👉 *सपा नेता ने कुंडा में अपनी पत्नी सीमा यादव के नाम 112 वर्ग मीटर के प्लॉट में आलीशान मकान बनवा रखा था.*
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👉👉 *फिलहाल, पुलिस ने इस मकान को खाली करा लिया है और इस मकान के बाहर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया है.*
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👉 *पुलिस के मुताबिक, सपा नेता गुलशन यादव की चल-अचल और लग्जरी गाड़ी जब्त की गई है*
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👉👉 *जिसकी कीमत करीब 7 करोड़ रुपये से अधिक है. इसमें एक करोड़ रुपये का मकान है. इसी मकान में शराब का ठेका भी संचालित होता था.*
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👉👉 *जानकारी के मुताबिक, गुलशन करीब एक दशक से सपा से जुड़ा है. वर्तमान में वह सपा के जिला कार्यवाहक अध्यक्ष पद पर है.*
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👉 *गुलशन साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कुंडा से राजा भैया के खिलाफ सपा के टिकट से चुनाव भी लड़ चुका है. हालांकि, उसमें उसे हार का सामना करना पड़ा था. गुलशन के खिलाफ 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.*

*न्यूज रिपोर्ट मीडिया प्रभारी*
*शिवम कुमार अस्थाना*
*उत्तर प्रदेश*
*All India news*

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वाराणसी। विकास प्राधिकरण प्रवर्तन टीम ने सोमवार को जोन-1 के अंतर्गत ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में बने एक अवैध वैंक्वेट हॉल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए ध्वस्तीकरण अभियान चलाया। यह निर्माण बुद्ध नगर कॉलोनी, पुराना वरुणा ब्रिज, थाना कैंट के अंतर्गत गोपाल यादव द्वारा किया गया था, जो ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में लगभग 1000 वर्गमीटर में टिनशेड के रूप में अस्थायी वैंक्वेट हॉल/रेस्टोरेंट के रूप में तैयार किया गया था।प्राधिकरण के अनुसार, यह निर्माण उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 27 का स्पष्ट उल्लंघन था। इसी आधार पर प्राधिकरण ने 10 अक्टूबर 2024 को ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया था। वाराणसी महायोजना 2031 के अनुसार वरुणा नदी के तट से 50 मीटर तक का क्षेत्र ग्रीन बेल्ट घोषित है, जिसमें कोई भी व्यावसायिक निर्माण, विशेषकर वैंक्वेट हॉल अथवा रेस्टोरेंट, पूर्णतः निषिद्ध है।निर्माणकर्ता द्वारा पारित ध्वस्तीकरण आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट याचिका संख्या 622/2025 दायर की गई थी, जिसे साक्ष्यों के अभाव में निरस्त कर दिया गया। इसके बाद प्राधिकरण ने सोमवार 5 मई 2025 को प्रवर्तन टीम और पुलिस बल की उपस्थिति में उक्त अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई में जोनल अधिकारी शिवाजी मिश्रा, अवर अभियंता रोहित कुमार, प्रवर्तन दल, सुपरवाइजर और स्थानीय पुलिस बल मौजूद रहा।

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बीकानेर की साहित्यिक परम्परा समृद्ध, युवा इसे बढ़ा रहे आगे
पोकरमल राजरानी गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट और मुक्ति संस्था ने किया डाॅ. आचार्य का विशेष सम्मान
बीकानेर, 5 मई। पोकरमल राजरानी गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट तथा मुक्ति संस्था द्वारा सोमवार को होटल राजमहल में आयोजित कार्यक्रम में युवा साहित्यकार डाॅ. हरि शंकर आचार्य का विशेष सम्मान किया गया।
ट्रस्ट अध्यक्ष डाॅ. नरेश गोयल ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि बीकानेर की समृद्ध साहित्यिक परम्परा रही है। यहां के लेखकों ने देशभर में बीकानेर का नाम गौरवान्वित किया है। युवाओं द्वारा यह परम्परा आगे बढ़ाई जा रही है। यह अच्छे संकेत हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में इसकी प्रासंगिकता और बढ़ी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि डाॅ. आचार्य ने राजस्थानी और हिंदी गीत एवं कविता लेखन को नए आयाम दिए हैं। लेखन में इनकी प्रयोगधर्मिता इन्हें दूसरों से अलग स्थान दिलाती है। उन्होंने कहा कि आचार्य ने अपने गीतों में लोकपरम्पराओं और लोक रीतियों को भी भरपूर स्थान दिया है।
इस अवसर पर डाॅ. हरि शंकर आचार्य ने कहा कि पुस्तकें पढ़ने वालों की संख्या में दिनोदिन कमी आ रही है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पुस्तकें ही हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं। इनका स्थान कोई नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थाओं द्वारा किया गया सम्मान उनके लिए अविस्मरणीय है।
पोकरमल राजरानी गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट के राजेश गोयल ने स्वागत उद्बोधन दिया। परवेश गोयल ने आभार जताया। लोकेश चूरा ने डाॅ. आचार्य के लिखे गीत ‘आओ गाथा आज सुणाऊं, थांने स्हैर बीकाणै री’ की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन संजय कोचर ने किया।

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वाराणसी। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पोषण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पोषण ट्रैकर और विभिन्न विभागों के समन्वय से संबंधित कार्यों की गहन समीक्षा की गई। उन्होंने मुख्य सेविकाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों के निरीक्षण का लक्ष्य पूरा करने में विफल रहने पर वेतन रोकने की चेतावनी दी। डीएम ने स्वास्थ्य योजनाओं का जाना हाल, लापरवाह मुख्य सेविकाओं का वेतन रोकने की दी चेतावनी जिलाधिकारी ने आंगनवाड़ी केंद्रों पर स्कूल पूर्व शिक्षा (अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन) की प्रगति पर विशेष ध्यान दिया और निर्देश दिए कि सभी केंद्र निर्धारित समय-सारणी के अनुसार संचालित हों। उन्होंने बाल विकास परियोजना अधिकारियों और मुख्य सेविकाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि केंद्रों पर कम से कम तीन घंटे तक स्कूल पूर्व शिक्षा का कार्यक्रम संचालित हो। यदि यह अवधि कम पाई गई, तो संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।डीएम ने स्वास्थ्य योजनाओं का जाना हाल, लापरवाह मुख्य सेविकाओं का वेतन रोकने की दी चेतावनी जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि बच्चों को उनकी आयु के आधार पर समूहों में विभाजित कर गतिविधियां संचालित की जाएं। साथ ही, आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों का प्रत्येक तीसरे माह निपुण टेस्ट आयोजित किया जाए और इसके परिणाम जिला पोषण समिति की बैठक में प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने बाल विकास परियोजना अधिकारियों और मुख्य सेविकाओं को गंभीर रूप से कुपोषित (सैम) बच्चों के परिवारों से मिलने और उनकी स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए। डीएम ने स्वास्थ्य योजनाओं का जाना हाल, लापरवाह मुख्य सेविकाओं का वेतन रोकने की दी चेतावनी बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, उपायुक्त स्वतः रोजगार, सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला पंचायत राज अधिकारी, यूनिसेफ प्रतिनिधि, जिला कार्यक्रम अधिकारी सहित सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे।

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*!!अहिंसा का प्रकाशपूंज!!*
(आचार्य श्री महाश्रमणजी के जन्मोत्सव, पट्टोत्सव और दीक्षा दिवस पर विशेष)
आलेख............ मोहन भन्साली

आज विश्व व्यापी भयाक्रांत का गांभीर्य माहौल है। चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है। चित पुकार की आवाजें गूंज रही है। शांति की पुकार! कहीं विस्तारवाद की नियति में दब रही है, तो कहीं प्रलोभन की चकाचौंध में दब रही है, तो कहीं अपने आपको शक्तिशाली दृशाने के चक्रव्यूह में दबाई जा रही है तो कहीं अहंकार की होडा होड़ में दबाई जा रही है।
आज अपनी संप्रभुता की सुरक्षा से ज्यादा दूसरे की संप्रभुता पर चोट पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। चाहें कोई कितना ही शक्ति संपन्न हो। फिर भी लालच वश वह दूसरे की संपत्ति को येन-केन प्रकारेण हड़पना चाहते है। दुसरी ओर कोई किसी के आगे झुकना नहीं चाहता। सब कोई एक दूसरे को झुकाना चाहते हैं। सब कोई अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहते हैं। सामने वाले को अपने अधीन करना चाहते हैं। दूसरे के सहारे चलने वाला परजीवी भी झुठी शान की अभिलाषा में अपने ही खुबसूरत शहरों को खंडहर बनाता जा रहा हैं। आन बान और शान से जीवन व्यापन करने वाली स्वावलंबी जनता जनार्दन को शरणार्थी बनाने को उतारु है। दुखदाई परिणामों को देखने के बावजूद एक दूसरे के बहकावे में आज भी अहं की ज्वाला से ग्रसित एक दूसरे को युद्ध के लिए ललकार रहें हैं।
ऐसे अन्धकारपूर्ण वातावरण में एक ऐसे महान अध्यात्म योगीराज हैं जो कि *बीना रुके -बीना थकें* अपने जीवन के सातवें दशक में भी अपनी धवल सेना के साथ निःस्वार्थ भाव से पद यात्राओं के द्वारा देश-विदेश की धरा पर गांव गांव शहर शहर में मानवता के कल्याण में अहिंसा रथ को लेकर अध्यात्म की ज्योत को प्रज्ज्वलित कर रहें हैं।
नाटा कद, गौर वर्ण,न मोटा न दुबला! सबको सम्मोहित करता तेज चन्द्रमा सा चमकता, शीतलता प्रदान करने वाला आभामंडल। भविष्य निहारती, अमृत बरसाती, छोटी-छोटी टिमटिमाती प्यारी प्यारी आंखें। कोमल कोमल हथेलियों पर भाग्य को सहराती हुई हस्त रेखाएं। उष्णता का प्रतीक, शक्ति प्रदाता, कष्ट हर्ता, मखमली मुलायम चरण रज। लगता है सृष्टि ने स्वयं अपने हाथों से प्रतिभाशाली व्यक्तित्व को सजाया और संवारा है।
रेगिस्तानी टिब्बों में सरदारशहर का दुगड़ कुलराज, झूमर का लाल, नेमा नन्दन के दीक्षा प्रदाता जौहरी सुमेरु ने बालक मोहन के प्रस्फुटित वैराग्य को पल्लवित किया। युगपुरुष, दूरदृष्टा, अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी ने बाल मुनि मुदित को शिक्षा और दीक्षा में निपुण कर विनयवान संत को "महाश्रमण" से अलंकृत किया। 21 सदीं के महान् दार्शनिक आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने महातपस्वी महाश्रमण को तेरापंथ धर्मसंघ के इग्यारहवें अनुशास्ता के रूप में गंगाशहर की तपोभूमि पर हजारों हज़ारों की जनमैदिंनी की उपस्थिति में "युवाचार्य मनोनीत" कर गुरुदेव श्री तुलसी के सोपान को साकार करते हुए जन-जन को उपकृत किया।
धीर गम्भीर पुरुषार्थी संत आचार्य श्री महाश्रमणजी ने भैक्षव शासन के दसवें अनुशास्ता श्री महाप्रज्ञ जी के वचनों का निर्वाहन करते हुए मेवाड़ मारवाड़ की यात्राएं कर बीदासर का चातुर्मास सानन्द संपन्न किया। वृद्ध सेवा केन्द्रों में पधारे और वहां विराजित रुग्ण व वयोवृद्ध साधु साध्वियों की सेवा सुश्रुषा का आंकलन किया। यही वजह है कि तेरापंथ धर्मसंघ में साधु साध्वियां वृद्धावस्था या रुग्णावस्था में सेवा की चिंताओं से मुक्त रहता है। क्योंकि सेवाभावी संत संतियों के द्वारा संघ में सेवा व्यवस्था अकल्पनीय है। भौतिकवाद की चकाचौंध और बदलते हुए वैज्ञानिक युग में लोग ऐसी निश्छल भाव से की जाने वाली सेवाओं को देखकर प्रेरणा लेते है। हमारा सौभाग्य है कि हमें कलियुग में भी त्रेतायुग जैसा कुशल नेतृत्वकर्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी जैसा अनुकम्पा धारी अधिदेवता मिला।
शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमणजी ने नैतिक जागरणा में अनार्य क्षेत्र व सुदूर प्रदेशों की लंबी-लंबी पदयात्राओं का चयन कर "नैतिकता का शक्तिपीठ" गंगाशहर की पावन तपोभूमि से फरवरी 2014 को प्रस्थान किया।
देश की राजधानी दिल्ली के लालकिले से अहिंसा यात्रा का आगाज किया। पूर्वांचल में उत्तरप्रदेश, बिहार और उत्तराखंड होते हुए अहिंसा यात्रा का पहला पड़ाव विदेशी धरा नेपाल की राजधानी काठमांडू में किया। जहां दिल को दहला देने वाला तीर्व गति का भूकंप आया। चारों ओर त्राहिमाम त्राहिमाम का माहौल बन गया। जान बचाने के लिए लोगों में काठमांडू छोड़ने की अफरातफरी मच गई। किन्तु आपने तटस्थ भाव से भिक्षु शासन की गौरव गाथा गाते हुए मंगल पाठ सुनाया और धार्मिक श्रद्धा और आस्था के प्रति जन-जन को आस्थावान बनाया।
ऊंची-नीची, आड़ी-तिरछी, उबड़-खाबड़ चट्टानों और लंबी-लंबी गुफाओं को, कल-कल बहती नदियों को, गहरे-गहरे घने जंगलों को पार करते हुए आपने सागर किनारे साधना की।अनवरत चरैवेति चरैवेति मंत्र को चरितार्थ करते हुए आपने अपनी विशाल धवल सेना के साथ पूर्वांचल, पश्चिमांचल, उत्तरांचल और दक्षिणांचल के भू-भाग में उत्तराखंड, हिमाचल, नेपाल, भूटान,बिहार, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ , तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब आदि देश विदेश के प्रान्तों में हजारों हज़ारों किलोमीटर की लंबी-लंबी पद यात्राओं के द्वारा मानव जाति में नैतिकता, सद्भावना और व्यसन मुक्ति के संस्कारों की अलख जगाई।
आपके सान्निध्य में डायमंड सीटी सुरत में 1100 वर्षीतप के पारणें का विश्व रिकॉर्ड किर्तिमान बना। आध्यात्मिक जगत में त्याग और तपस्या की साधनाओं में गतिमान सुरत चातुर्मास "सर्वश्रेष्ठ चातुर्मास" का इतिहास रच दिया। वर्तमान में आपका "अहिंसा रथ" गुजरात के कच्छ क्षेत्र में अहिंसा की ज्योति प्रज्ज्वलित करता हुआ आगे अहमदाबाद चातुर्मास के लिए बढ़ता जा रहा है। कच्छ में "स्वाई कच्छी पूजी महाराज" से गणराज का बहुमान किया गया।
आप गांव-गांव, शहर-शहर होते हुए आदिवासियों से झुग्गी झोपड़ियों में भी नैतिकता के संस्कारों का बीजारोपण करने का अथक पुरुषार्थ कर रहे हैं। उन्हें धर्म और अधर्म का मार्ग प्रशस्त किया। त्याग और भोग का भेद बताया। आदर्श जीवन जीने की कला सिखाई। इंसान को इंसान बनाने का प्रतिबोध दिया। मानवीय मूल्य परक शिक्षा प्रणाली का मर्मज्ञ सिखलाया। मानव जीवन का कर्तव्य बोध सिखलाया। क्षमा और मैत्री का अमूल्य पाठ पढ़ाया। संयमित जीवनशैली का पथदर्शन दिया। सेवा और समर्पण का मार्गदर्शन दिया। सत्य और अहिंसा शास्वत धर्म को उजागर किया।
आपके पावन पाथेय से प्रेरित होकर हजारों लाखों लोग व्यसन मुक्ति का संकल्प करके अपने उजड़ते हुए परिवारों को बचा रहें हैं और स्वयं के जीवनस्तर को उत्कृष्ट बनाने के लिए आपकी वीतराग वाणी से आत्मसन्नान करने का प्रयास कर रहें हैं। सौहार्द, समन्वय और सहिष्णुता के उपदेश से जन-जन का मन प्रफुल्लित हो रहा है। जाति, रंग, भेद मुक्त असांप्रदायिक विचारधाराएं और सत्य अहिंसा की असाधारण साधनाओं से प्रभावित प्रबुद्ध व बौद्धिक, राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और पत्रकार आदि चिंतनशील वर्ग और हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पादरी, दिगंबर, मूर्तिपूजक, स्थानकवासी, जैन और अजैन आदि सर्व धर्मावलंबी गुरुजन अपने-अपने मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरिजाघर अथवा आश्रम, उपासरा और स्थानक आदि धार्मिक स्थलों के पावन प्रांगण में श्रृद्धा भावना से अहिंसा यात्रा का आतिथ्य सत्कार कर रहे हैं। अनेकानेक धर्मावलंबी गुरुजन आपकी अद्वितीय करुणा और वात्सल्यता भरी संयम साधना से अभिभूत होकर आपको अविस्मरणीय अलंकरणों से सुशोभित कर गौरवान्वित की अनुभूति कर रहें हैं।
आप वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सामंजस्य स्थापित करने के लिए अणुव्रत और प्रेक्षाध्यान की महत्ता पर प्रकाश डालते है।जहां अणुव्रत है वहां छल-कपट और स्वार्थ गौण हो जाता है। जहां अणुव्रत है वहां लोभ मोह और माया का आकर्षण कम हो जाता है। जहां अणुव्रत है वहां स्वावलंबन और स्वाभिमानी मानसिकता का उद्भव हो जाता है। जहां अणुव्रत है वहां कोई हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा नहीं मिलता। जहां अणुव्रत है वहां प्रामाणिकता है। अणुव्रत साधना का प्रायोगिक स्वरूप है प्रेक्षाध्यान। प्रेक्षाध्यान से आसन प्राणायाम और प्राणवान योग-साधना का संचार होता है। जिससे भावनात्मक और विधायक चिंतन प्रस्फुटित होता है। संयमित जीवनशैली का आकर्षण बढ़ता है। जिसके फलस्वरूप कषाय रुपी प्रवृतियों पर विराम लग जाता है। जिससे तन और मन दोनों को ही स्वस्थ होने में बल मिलता है।
स्वस्थ समाज निर्माण और मानवता के उत्थान में अणुव्रत और प्रेक्षाध्यान की साधना के लिए आप अनवरत प्रेरणा दें रहें हैं। अशांत विश्व की ज्वलंत समस्याओं के स्टीक समाधान में भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित अनेकांत दर्शन का बोधपाठ देते हैं। अपेक्षा है कि विनाशकारी परमाणुओं की शक्ति से ज्यादा अणुव्रत की आचार संहिता में निहित शक्ति को पहचानें। सर्व व्यापी खुशीहाली के आशादीप अणुव्रत को पहचानें। अणुव्रत के सिद्धांत सबको खुशीहाली से जीने का आलंबन देता है। अणुव्रत सत्य और अहिंसा का प्रकाशपूंज है।
आत्माभिमुख, करुणानिधि, महातपस्वी, योगीराज, युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी विश्व स्तरीय पुनः शांति स्थापित करने के उद्देश्य से सव् कल्याण के साथ साथ पर कल्याण के लिए अध्यात्म की मंगल कामनाओं में अणुव्रत, सद्भावना, सहनशील और श्रमशीलता के पैगाम को विश्व के कोने-कोने में पहुंचाने में गतिशील है। ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीत पुकार के भयाक्रांत माहौल से मानव जाति को उभारा जाए और आधुनिक तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाया जाए। विकासोन्मुख युवाओं को खुले आसमां में उड़ान भरने के लिए युगानुकुल सर्वांगीण विकास का खुशनुमा मंच प्रदान किया जाए।
!!श्रीचरणों में सादर समर्पित!!
::आलेख रचनाकार::
मोहनलाल भन्साली "कलाकार"
गंगाशहर, बीकानेर, राजस्थान ।
दिनांक ::05.05.2025
मो.::7734968551

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वाराणसी। एक प्रवासी कारोबारी को बंधक बनाकर प्रताड़ित करने और जबरन एक लाख रुपये वसूलने का मामला सामने आया है। उड़ीसा राज्य के गंजाम जिले के प्रतिष्ठित साड़ी व्यवसायी राजेश कुमार ने वाराणसी पुलिस के एडीसीपी को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई। राजेश कुमार, निवासी ब्रह्मपुर, गंजाम, उड़ीसा, "पदमा सिल्क पैलेस" नामक साड़ी व्यवसायी फर्म के स्वामी हैं, जो वर्ष 1974 से कारोबार में सक्रिय है। उनका व्यापार वाराणसी के मेसर्स अशोक साड़ी, महमूरगंज रोड, थाना सिगरा, के साथ वर्षों से होता आ रहा था। अशोक साड़ी के प्रोपराइटर अशोक शाह और उनके पुत्र अवनीश शाह के साथ व्यापारिक संबंध बिगड़ने के बाद राजेश कुमार ने व्यापारिक लेनदेन बंद कर दिया था।प्रार्थी के अनुसार, वर्ष 2024 में भेजी गई साड़ियों की गुणवत्ता खराब होने के चलते उन्होंने माल वापस लौटा दिया था, जिससे अशोक शाह और अवनीश शाह ने नाराज होकर रंजिश पाल ली। उन्होंने पुराने लेनदेन से संबंधित अमानत में लिए गए चेकों का दुरुपयोग करते हुए वाराणसी न्यायालय में धारा 138 एनआई एक्ट के तहत वाद दाखिल कर दिया, जो वर्तमान में विचाराधीन है।इस कानूनी प्रक्रिया के बावजूद, अशोक शाह और अवनीश शाह लगातार राजेश कुमार को फोन कर जबरन धन की मांग कर रहे थे। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि हाल ही में वाराणसी आगमन के दौरान अशोक साड़ी के दफ्तर में उन्हें बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया और जबरन एक लाख रुपये वसूल लिए गए।

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*संपर्क पोर्टल पर परिवेदनाओं का निस्तारण 30 की बजाय 15 दिन में करें- जिला कलेक्टर*

*जिला कलेक्टर ने विभिन्न विभागों और बजट घोषणाओं को लेकर की समीक्षा बैठक*

*''जन्म प्रमाण पत्र फार्म नहीं भरवाए तो अस्पताल पर लगेगी पेनल्टी''*

*सरकारी अस्पतालों के करीब 50 फीसदी पैकेज क्लेम हो रहे रिजेक्ट*

*इसी साल जुलाई में शुरू हो जाएगा मरुधरा बायोलॉजिकल पार्क*

*''ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत पोल लगाने को लेकर बिजली विभाग जारी करें एसओपी''*

*सेक्स सॉर्टेड सीमन योजना अंतर्गत जिले को पहली बार मिले 4150 सीमन स्ट्रा, इसमें 90 फीसदी होते हैं बछड़ी पैदा होने के चांस*

बीकानेर, 05 मई। जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों की एवं बजट घोषणाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला कलेक्टर ने बजट घोषणाओं को जल्द पूरा करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। संपर्क पोर्टल पर परिवेदनाओं को 30 की बजाय 15 दिन में ही निस्तारण के निर्देश भी दिए।

*जन्म प्रमाण पत्र फार्म नहीं भरवाए तो अस्पताल पर लगेगी पेनल्टी*


बैठक में जिला कलेक्टर के अलावा सीईओ जिला परिषद श्री सोहनलाल, नगर निगम कमिश्नर श्री मयंक मनीष, बीडीए कमिश्नर श्रीमती अपर्णा गुप्ता, एडीएम प्रशासन श्री रामावतार कुमावत, एडीएम सिटी श्री रमेश देव समेत विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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बीकानेर। श्री ओम बन्ना सेवा समिति द्वारा एम. एन .अस्पताल मार्ग के सामने स्थित ओम बन्ना धाम में सोमवार को ओम बन्ना की 71 वीं जयंती के तीन दिवसीय कार्यक्रम समारोह के अंतिम दिन ओम बन्ना के जन्म दिवस पर उनके स्थानक का धाम में भव्य श्रृंगार किया गया।धाम की सेवक भंवरी देवी ने प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए बताया कि भक्तों ने केक काटा एवं भजन कीर्तन किए। समारोह के संरक्षक दिपक पारीक ने जन्मोत्सव - जयंती के दिन सुबह पूजा अर्चना कर विशेष भोग लगाया। इस अवसर पर मंदिरसेवादार सुनील दत्त नागल, अनिल पाहुजा, कमलकांत सोनी, श्रीमती शांति देवी चौहान, मनोज कुमार मोदी,सुशील यादव, सैय्यद अख्तर, मलिक्का बाईसा (किन्नर), महेश चांवरिया, शाकिर हुसैन चौपदार, कुशाल सिंह, राहुल सिंह, विजय शंकर गहलोत, राजकुमार जीनगर, करीना कंवर भाटी, भानु प्रताप सिंह बन्ना, प्रेम सिंह चांडी, गरिमा,मैनका, बिल्लू राठौड़, पूनम,राजू, राजेश, अनिता, गर्वित सहित अनेक कार्यकर्ता एवं भक्त उपस्थित थे।ओम बन्ना का लगाया जागरण: सेवक कुशाल सिंह भाटी ने बताया कि जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर रात्रि को ओम बन्ना की विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद मंदिर परिसर के बाहर विशाल जागरण लगाया गया। जिसमें जोधपुर, नागौर और बीकानेर के कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। इस बीच बन्ना के भक्त श्रद्धालुओं ने अखाड़े में हैरतंगेज झाकियों की प्रस्तुतियां दी।भंडारा आयोजित किया गया:ओम बन्ना धाम पर जयंती पर मंदिर सेवादार मल्लिका बाईसा (किन्नर) व अन्य के सहयोग द्वारा विशाल भंडारा राहगीरों के लिए लगाया गया।भंडारे में प्रसाद भक्तों के बीच वितरित किया गया।

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बीकानेर, 5 मई। कोलायत विधानसभा क्षेत्र के कोलायत व बज्जू ब्लॉक के कांग्रेस पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने पूर्व ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी के नेतृत्व में ग्राम पंचायतों व पंचायत समितियों का पुनर्सीमांकन में रखी गई विभिन्न प्रकार की विसंगतियों के मद्देनजर जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि को सोमवार को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले पूर्व ऊर्जा मंत्री भाटी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कोलायत व बज्जू ब्लॉक कांग्रेस तथा देशनोक के जनप्रतिनिधियों व कांग्रेस कार्यकर्ता बिश्नोई धर्मशाला से रैली के रूप में रवाना हुए। रैली में शामिल लोगों ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने तख्तियां हाथ में लिए हुए सरकार के विरोध में नारे लगा रहे थे। जिला कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए पूर्व मंत्री भाटी ने कहा कि नवसृजित पंचायत समितियों का पुनर्सीमांकन के बाद जो ग्राम पंचायत शामिल की गई है, उसमें ग्राम पंचायत मुख्यालय से पंचायत समिति मुख्यालय तक की दूरी, सड़क मार्ग से जुड़ाव व आमजन की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया है, जिससे ग्राम पंचायत ग्रामवासियों को पंचायत समिति मुख्यालय तक पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

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नई दिल्ली। एक प्रमुख पहल के तहत, भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचकों और इनके अन्य हितधारकों जैसे चुनाव पदधारियों, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के लिए एक नया उपयोगकर्ता अनुकूल डिजिटल इंटरफेस विकसित कर रहा है। यह नया वन-स्टॉप प्लेटफ़ॉर्म, ईसीआई-नेट, आयोग के 40 से अधिक मौजूदा मोबाइल और वेब एप्लिकेशनों को एकीकृत करेगा और अनुकूल बनाएगा।ईसीआई-नेट में एक सुंदर यूजर इंटरफेस (यूआई) और एक सरलीकृत यूजर एक्सपीरियंस (यूएक्स) होगा, जो चुनाव-संबंधित सभी गतिविधियों के लिए एक एकल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा। यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को कई ऐप डाउनलोड करने और नेविगेट करने तथा अलग-अलग लॉगिन याद रखने के बोझ को कम करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है।इस प्लेटफॉर्म की परिकल्पना भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार ने निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में मार्च 2025 में आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान की थी।ईसीआई-नेट उपयोगकर्ताओं को अपने डेस्कटॉप या स्मार्टफोन पर सुसंगत चुनावी डेटा तक पहुँचने में भी सक्षम बनाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि डेटा यथासंभव सटीक है, ईसीआई-नेट पर डेटा केवल आयोग के अधिकृत पदधारी द्वारा दर्ज किया जाएगा। संबंधित पदधारी द्वारा की गई प्रविष्टि से यह सुनिश्चित होगा कि हितधारकों को उपलब्ध कराया गया डेटा यथासंभव सटीक है। हालांकि, किसी भी विवाद के मामले में, सांविधिक फॉर्मों में विधिवत भरा गया प्राथमिक डेटा ही मान्य होगा।ईसीआई-नेट में वोटर हेल्पलाइन ऐप, वोटर टर्नआउट ऐप, सी-विजिल, सुविधा 2.0, ईएसएमएस, सक्षम और केवाईसी ऐप जैसे मौजूदा ऐप शामिल होंगे, जिन्हें कुल मिलाकर 5.5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है (ऐप्स की पूरी सूची संलग्न है)। ईसीआई-नेट से लगभग 100 करोड़ निर्वाचकों और सम्पूर्ण चुनावी तंत्र को फ़ायदा मिलने की उम्मीद है, जिसमें देश भर के 10.5 लाख से ज़्यादा बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ), राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त लगभग 15 लाख बूथ लेवल एजेंट (बीएलए), लगभग 45 लाख मतदान पदधारी, 15,597 सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ), 4,123 ईआरओ और 767 ज़िला चुनाव अधिकारी (डीईओ) शामिल हैं।ईसीआई-नेट पहले ही अपने विकास के उन्नत चरण में पहुंच चुका है और इसकी सुचारू कार्यक्षमता, उपयोग में आसानी और मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए कठोर परीक्षण किए जा रहे हैं। इसे सभी राज्यों/संघ राज्य-क्षेत्रों के 36 सीईओ, 767 डीईओ और उनके राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 4,123 ईआरओ को शामिल करके एक विस्तृत परामर्शी प्रयोग करने के साथ-साथ समय-समय पर आयोग द्वारा जारी चुनावी ढांचे, अनुदेशों और पुस्तिकाओं के 9,000 पृष्ठों वाले 76 प्रकाशनों की समीक्षा करने के बाद विकसित किया जा रहा है।

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*महासंत जीवण नाथ जी बरसी पर होगें धार्मिक कार्यक्रम*
बीकानेर के नाथ सम्प्रदाय के प्रमुख संत श्री जीवण नाथ जी की 119वीं बरसी पर धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। दिनांक 10 मई, वैशाख सुदी तेरस, को नत्थुसर गेट के बाहर भट्ोलाई पर स्थित उनकी समाधि स्थल पर प्रातः जीवण नाथ जी का अभिषेक एवं विशेष पूजन होगा। सायं को गिरधर पुरोहित ‘हरि’ के सान्निध्य में महाआरती की जाएगी। तथा 101 किलो दूध से बनी खीर के प्रसाद का विशेष भोग लगाकर वितरण की जाएगी। इसी क्रम में रात्रि को महाजागरण एवं भजन-किर्तन किए जाएगें। आप सभी भक्तजन इन कार्यक्रमों में पधारकर आर्शीवाद एवं प्रसाद जरूर प्राप्त करें।

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बीकानेर, 5 मई। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के जरिए कृषकों को पूर्ण लाभ देने का प्रयास किया जाए। इन्हीं प्रयासों व योजनाओं की मदद के जरिए बीकानेर जिले के ग्राम पेमासर के युवा कृषक शिवकरण कूकणा ने खजूर बागीचा स्थापना कर आमदनी दुगुनी की। शिवकरण कुछ वर्ष पूर्व तक परंपरागत कृषि ग्वार, बाजरा, मोठ, मूंगफली, सरसों व चना की खेती करते थे। युवा कृषक शिवकरण कूकणा उद्यानिकी नवाचार के चलते कृषि में कुछ नया अपनाना चाहता थे। उन्होंने कृषि उद्यान विभाग में संपर्क कर, सलाह ली।कृषि उद्यान विभाग ने पेमासर क्षेत्र में घटते जलस्तर व उपलब्ध पानी की गुणवत्ता विश्लेषण के पश्चात युवा कृषक को खजूर का बगीचा स्थापना की सलाह दी। शिवकरण में उद्यानिकी नवाचार अपनाने की दृढ़ इच्छा शक्ति थी। कृषि उद्यान विभाग के प्रोत्साहन से टिश्यू कल्चर खजूर किस्म बरही, खुनैजी, मेडजूल का बगीचा 10 बीघा क्षेत्र में 400 पौधे के साथ स्थापित किया। साथ ही बूंद बूंद सिंचाई ड्रिप के द्वारा बगीचे में सिंचाई व उर्वरक प्रबंधन विभागीय अधिकारियों एवं कृषि वैज्ञानिकों के देखरेख में सार संभाल की। कृषि अधिकारियों ने समय-समय पर शिवकरण के खजूर बगीचे का भ्रमण करते हुए तकनीकी सलाह दी‌। परिणामस्वरूप शिवकरण आज प्रति पौधा 60 से 70 किलो खजूर की उपज प्राप्त कर रहा है। उन्हें 50-80 रुपए प्रति किलो बाजार भाव फ्रेश फ्रूट का मिल रहा हैं। बीकानेर के अलावा दिल्ली, पंजाब, गुजरात में भी यह खजूर फल व प्रसंस्करण उत्पाद का विपणन कर रहे है। इससे 'समृद्ध किसान, खुशहाल राजस्थान' की परिकल्पना को युवा किसान शिवकरण ने सिद्ध किया व इनकी आमदनी दुगुनी हुई। शिवकरण ने बताया कि 400 पौधों से उन्हें प्रति वर्ष 18-20 लाख रूपए की अतिरिक्त आमदनी हो जाती है।

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कोटा। एशिया पैसिफिक एकेडमी आॅफ आॅप्थेलमोलोजी एवं आॅल इण्डिया आॅफ्थेलमाॅलोजिकल सोसायटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित नेत्र महाधिवेशन यशोभूमि कनवेंशन सेन्टर, नई दिल्ली में सम्पन्न हुआ। इस नेत्र महाधिवेशन कार्यक्रम में देश-विदेश के 12 हजार से अधिक नेत्र विशेषज्ञों ने भाग लिया। आॅल इण्डिया आॅफ्थेलमाॅलोजिकल सोसायटी के इस नेत्र महाधिवेशन में सुवि नेत्र चिकित्सालय, कोटा के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डाॅ. सुरेश पाण्डेय ने भाग लिया। डाॅ. सुरेश पाण्डेय ने प्रोफेसर चार्ल्स मेकगी एवं प्रोफेसर फ्रेंक मार्टिन को अपनी पुस्तक एन आई फाॅर द स्काई भेंट की जिसकी उन्होंने प्रशंसा की। डाॅ. सुरेश पाण्डेय ने पके हुए मोतियाबिन्द एवं दो वर्ष से कम उम्र वाले छोटे बच्चों में जेप्टो प्रीसिजन नेनोपल्स नामक अत्याधुनिक तकनीक द्वारा मोतियाबिन्द आॅपरेशन एवं लेंस प्रत्यारोपण नामक विषय पर विडियो के माध्यम से अपने 10 वर्ष के अनुभवों को सांझा किया। डाॅ. पाण्डेय ने छोटी पुतली वाले रोगियों में जटिल मोतियाबिन्द आॅपरेशन की विधि को विडियो के माध्यम से दर्शाया। उन्होनें बताया कि प्रोस्टेट ग्रन्थि की वृद्धि से पीड़ित टेमसुलोसिन नामक दवा का सेवन कर रहे रोगियों को मोतियाबिन्द आॅपरेशन के दौरान पुतली छोटी हो जाने के कारण काॅम्पलीकेशन होने की सम्भावनाऐं बढ़़ जाती है, जिसे फ्लोपी आइरिस सिंन्ड्रोम कहा जाता है। अतएव यदि आप प्रोस्टेट ग्रन्थि के बढने से पेशाब में रूकावट दूर करने के लिए टेमसुलोसिन नामक दवा खा रहे हो तो इसकी जानकारी मोतियाबिन्द आॅपरेशन कराने से पहले नेत्र चिकित्सक को अवश्य दें। जिससे मोतियाबिन्द आॅपरेशन के दौरान आयी पुतली छोटी होने के कारण उत्पन्न जटिलताओं को दूर किया जा सके। वर्तमान में आजकल मेल्यूगिन रिंग, आईरिस हुक्स के माध्यम से छोटी पुतली को फैलाया जा सकता है। डाॅ. सुरेश पाण्डेय ने महाधिवेशन में देश-विदेश से पधारें नेत्र विशेषज्ञों के सम्मुख मुख्य वक्ता के रूप में श्फेकोइमलसिफिकेशन इन डिफिकल्ट एवं चैलेंजिंग कैसेजश् नामक विषय पर आयोजित इंस्ट्रक्शन कोर्स में अपना व्याख्यान वीडियो प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस कोर्स में डाॅ. जगतराम, डाॅ. नम्रता शर्मा, डाॅ. वीरेन्द्र अग्रवाल, डाॅ. पार्थ विश्वास, डाॅ. हर्षुल टाॅक, डाॅ. सौरभ भार्गव आदि विशेषज्ञों ने भी अनुभव साझा किये। डाॅ. सुरेश पाण्डेय ने प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान विशेषज्ञों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का भी उत्तर दिया।

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